November 6, 2023

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) कैंपस में छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के खिलाफ एकजुट हों, आवाज उठायें!

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) कैंपस में IIT BHU में सेकेंड ईयर की एक छात्रा के यौन उत्पीड़न के विरोध में बी0एच0यू0 के हजारों छात्र-छात्राएं कक्षाएं छोड़कर धरने पर बैठे हैं। 1 नवंबर 2023 को देर रात  प्रॉक्टोरियल बोर्ड के बूथ से कुछ ही दूरी पर जहां बी.एच.यू. के सुरक्षाकर्मी कैम्पस व छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिये तैनात रहते हैं, वहां पर चार शोहदों ने IIT BHU में सेकेंड ईयर की एक छात्रा के साथ दुव्यवहार किया। मीडिया से प्राप्त जानकारी के मुताबिक कुछ युवकों ने छात्रा के साथ मारपीट की, जबरन उसके कपड़े उतरवाए और तस्वीरें खींचीं। इस मामले में IPC की धारा 354, 506 की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। आई.आई.टी. डायरेक्टर द्वारा छात्रों से बात नहीं किया जाने के कारण प्रदर्शनकारी छात्र-छात्रायें दिन भर प्रदर्शन करते रहे। जिसके बाद बी.एच.यू. कैम्पस में बी.एच.यू. डायरेक्टर के आफिस में डायरेक्टर, पुलिस अधिकारी व अन्य अधिकारियों व जिम्मेदार लोगों के बीच बैठक हुई और इस दौरान भी छात्र अपनी मांगों को मनवाने के लिये बी.एच.यू. डायरेक्टर के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर डटे रहे। बैठक के बाद प्रदर्शनकारी छात्रों को उनकी सभी मांगों को माने जाने का आश्वासन दिये जाने के बाद प्रदर्शनकारी छात्रों ने बृहस्पतिवार की रात 11 बजे धरना खत्म कर दिया।  

बी.एच.यू. में ही पिछले महीने बीएचयू स्थित आईआईटी की दो शोध छात्राओं के साथ उनके हॉस्टल के पास ही चार युवकों ने छेड़खानी और बदसलूकी की थी। आईआईटी की एक शोध छात्रा देर रात अपनी एक सहपाठी के साथ हॉस्टल के समीप मौजूद थी। इसी दौरान चारपहिया वाहन सवार चार मनचले दुव्र्यवहार करने लगे। सभी शराब के नशे में धुत थे। लेकिन अपराधियों को पकड़ने, गिरफ्तार करने के स्थान पर हर बार छात्राओं पर और ज्यादा बंदिशें लगा दी जाती हैं।

आंदोलनकारी छात्र-छात्राओं का कहना है कि बीएचयू में साल 2017 में हुई छेड़खानी के बाद अबकी बार हुई वारदात बेहद वीभत्स है। बी.एच.यू. कैंपस में आए दिन घटनाएं होती रहती हैं, छात्र धरना प्रदर्शन करते हैं प्रशासन आश्वासन देता है और धरना-प्रदर्शन खत्म हो जाते हैं। लेकिन शर्मनाक बात यह है कि इतना सब होने के बाद भी अभी तक यहां छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतज़ाम नहीं किये गये हैं। 

यह वही उत्तर प्रदेश है जहां 2022 में यू0पी0 विधान सभा चुनाव में गृहमंत्री अमित शाह कह रहे थे कि उत्तर प्रदेश महिलाओं के लिए इतना सुरक्षित हो गया है कि वह रात में 12 बजे भी गहने पहन कर अकेले बाहर जा सकती हैं। जबकि हकीकत हम देख रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के धार्मिक नगरी में स्थित छात्राओं को आये दिन छेड़छाड़ व हिंसा का शिकार होना पड़ता है।

पतित पूंजीवादी-साम्राज्यवादी उपभोक्तावादी नीति के प्रभाव में अपने मुनाफे को बढ़ाने के लिये रात-दिन महिलाओं के सम्मान को गिराने वाली, महिलाओं का अश्लील चित्रण कर उनको उपभोग की वस्तु के तौर पर प्रदर्शित करने वाली सोच को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों व अश्लील फिल्मों को रोके बिना इन अपराधों में जरा भी कमी नहीं लायी जा सकती। 

इन घटनाओं के कारण ही बहुत से परिवार अपनी बहनों-बेटियों को उच्च शिक्षा के लिये घरों से दूर उच्च शिक्षा के लिये भेजने से कतराते हैं। लड़कियां इस तरह घटनाओं को घरों में नहीं बतातीं। इस डर से कि यदि वे अपने साथ घटी इन घटनाओं को घर में बतायेंगी तो उनकी पढ़ाई बीच में छुड़ाई जा सकती है। ऐसे में ये घटनायें छात्रों की आधी आबादी लड़कियों को उच्च शिक्षा के अधिकार से वंचित रखने में मदद करती हैं।

 लेकिन उन लोगों से छात्राओं की सुरक्षा के इंतजाम करने की उम्मीद करना बेमानी है, जिसके दर्जनों सांसद-विधायक महिलाओं से छेड़छाड़-बलात्कार के आरोपी हैं। कुलदीप सिंह सेंगर, चिन्मयानन्द, बृज भूषण शरण सिंह तो इसके मात्र प्रतिनिधिक उदाहरण मात्र हैं।  

 प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र, BHU में छात्रा के साथ हुई यौन हिंसा का पुरजोर विरोध करता है। और मांग करता है कि परिसरों में छात्राओं के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित किया जाये। साथ ही देशभर के छात्र-छात्राओं व न्यायप्रिय लोगों से छात्राओं-महिलाओं के साथ हो रही हिंसा, यौन उत्पीड़न के विरोध में एकजुट होकर आवाज उठाने का आह्वान करता है।

 हम मांग करते हैंः- 

·         IIT BHU के निदेशक व लंका थाने के SHO इस्तीफा दो।

·         सभी संस्थानों में GSCASH की स्थापना करो।

·         छात्राओं-महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करो।

·         महिला विरोधी अश्लील उपभोक्तावादी संस्कृति पर रोक लगाओ।

 

 प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की केंद्रीय कमेटी द्वारा जारी

 

 

 

 

 

  

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