September 18, 2015

2 सितम्बर की हड़ताल को पूर्ण समर्थन

2 सितम्बर की हड़ताल काे प्रगति‍शील महि‍ला एकता केन्द्र ने  पूरा समर्थन दि‍या। 2 सितंबर की आम हड़ताल के लिए प्रचार करने के दौरान 31 दिसंबर को हरिद्वार में इमके महासचिव अमित व अन्य दो कार्यकर्ताओं का इंकलाबी मजदूर केन्द्र तथा परिवर्तनकामी छात्र संगठन के साथ संयुक्त बैठक कर वि‍राेध कि‍या। सभा में कहा कि‍ मजदूराें के जाे नाममात्र के अधिकार बचे हुए हैंं, सरकार उनकाे भी छीनने जा रही हैा उनकी अावाज काे हर तरीके से दबाया जा रहा हैा इसी के तहत इमके के साथियों काे गि‍रफ्तार कि‍या गया हैा बैठक में इंसाफ पसंद लाेगाें का अाह्वान कि‍या गया कि‍ वे 2 सि‍तम्‍बर की देश व्यापि हड़ताल के समर्थन में अायें। तथा सरकार की दमन व मजदूर विरोधी नीतियाें का पुरजाेर वि‍राेध करें।

August 16, 2015

15 अगस्त को 69वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर

15 अगस्त को  69वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रगति‍शील महिला एकता केन्‍द्र ने शाहबाद डेयरी, दिल्‍ली में महिलाओं के संबंध में समाज में व्‍याप्‍त सोच को प्रदर्शित करती हुई फिल्‍म को दिखाया व आज के दौर में महिलाओं की स्थिति‍ की चर्चा करते हुए उससे मुक्ति के संदर्भ में बात की गई। 
फिल्‍म में पढ़े- लिखे कहे जाने वाले तबके, पुरुष व  महिलाओं, युवा लड़कों व बुजुर्गों की सोच को दिखाया गया है। 
यह फिल्‍म बताती है कि 21वीं सदी में पहुंचकर भी हमारे देश की एक बड़ी आबादी का दिमाग मध्‍ययुगीन पिछड़ी मूल्‍य मान्‍यताओं को ही मानता व पालता-पोसता है। 

चर्चा के दौरान महिलाओं ने बताया क‍ि आजादी के इतने सालों बाद भी वे अपने घरों व समाज में व्‍याप्‍त लैंग‍िक भेदभाव की शिकार हैं। घर से लेकर बाजार, कार्यक्षेत्र तक हर जगह अलग-अलग रूपों में उन्‍हें इस भेदभाव का शिकार होना पड़ता है। महिलाओं का सम्‍मान करने का बखान करने वाली सरकार महिलाओं से रात की पाली में कारखानों में काम करने के लिए कानून बनाती है, आतंकवाद के वश्वि सरगना आेबामा की सुरक्षा के लिए करोडों रूपये में कैमरे लगाती है, लेकिन उसके जाते ही वे कैमरे उतार लिए जाते हैं।

July 22, 2015

पाइप लाइन बिछाने की मांग को लेकर प्रदर्शन

इंकलाबी मजदूर केन्द्र, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र व बस्ती  के निवासी ने 21 जुलाई को दि‍ल्ली‍ के आम आदमी पार्टी के स्थानीय विधायक वेद प्रकाश के यहां पानी की पाइप लाइन बिछाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कि‍या जि‍समें महिलाओं ने बड़ी संख्या में भागीदारी की। विधायक से महिलाओं एवं मजदूरों से करीब एक घंटा तक बहस हुइ। पाइप लाइन बिछाने के संबंध में एक ज्ञापन विधायक को दिया गया।

शाहबाद डेरी एक घनी आबादी वाली बस्तीञ है। शाहबाद डेरी के प्ला ट व झुग्गीस बस्ती  में पानी की समस्याल सारे साल बनी रहती है। यहां पर झुग्गीआ बस्ती  में पाइप लाइन नहीं बि‍छी है। इसी से परेशान लोगों ने इससे पूर्व 20 जून को भी पानी की लाइन की मांग को लेकर बड़ी संख्या में महिलाओं समेत स्थानीय निवासी स्थानीय विधायक के यहां आये थे। विधायक की अनुपस्थिति में कार्यालय प्रभारी ने आश्वासन दिया कि वह विधायक के आते ही उन्हें प्रदर्शनकारियों की मांग से अवगत करायेंगे और उनकी मांग पर जल्द ही उचित कार्यवाही की जायेगी।

May 12, 2015

नेपाल को फिर से एक नए जोश व ऊर्जा के साथ उठ खड़ा होने के लिए

अपने पड़ोसी देश नेपाल को फिर से एक नए जोश व ऊर्जा के साथ उठ खड़ा होने के लिए आज उसे अपने मित्रों के सहयोग की सख्त जरूरत है। आप सभी पाठकों से एक अपील :-  

A team of 18 people(4 Doctors, 2-3 medical students, 2 paramedics and 5 volunteers) have been sent to Nepal to provide relief to EQ victims under the banner of Progressive Medicos Forum. This platform has been created under the joint leadreship of Nagrik Samachar, Parivartankaami Chhatra Sangthan, Pragatisheel Mahila Ekta Kendra, Inqlabi Mazdoor Kendra. We request you to stand in solidarity( not charity) with our neighbours and make financial contributions to keep the relief camp running effectively.
Contact Details:
www.enagrik.com
nagriksamachar.blogspot.com
nagriknews@gmail.com
Mo. O7500714375
(05947) 252240
Bank Account details:State Bank Of India, Ramnagar Nainitaal(Uttarakhand)
Account number: 30488926725

प्रोग्रेसिव मेडिकॉस फोरम के बैनर तले 18 लोगों की एक टीम नेपाल में आये भूकम्प से पीड़ितों के इलाज के लिए भेजी है जिसमें 4 डॉक्टर, 2 - 3 मेडिकल के छात्र 2 परमेडिक्स और 5 वॉलंटिर्स हैं। यह मंच नागरिक समाचार, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, इंकलाबी मज़दूर केंद्र तथा प्रोग्रेसिव मेडिकॉस फोरम के संयुक्त सहयोग से चलाया जा रहा है। हम आपसे अपने पडोसी मुल्क में आई भीषण आपदा के समय नेपाल के नागरिकों के साथ एकजुटता व आर्थिक सहयोग की अपील करते हैं, ताकि इस मेडिकल रिलीफ कैंप को अधिक सक्रियता के साथ चलाया जा सके।

May 5, 2015

बढ़ती साम्प्रदायिकता और नारी उत्पीड़न के विरोध में धरना-प्रदर्शन

बढ़ती साम्प्रदायिकता और नारी उत्पीड़न के विरोध में प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र ने 26 अप्रैल को जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन आयोजित किया। प्रदर्शन में उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा व दिल्ली के कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की। प्रदर्शन की शुरुआत ज¨रदार क्रांतिकारी नारों व गीत के साथ हुई।

    ‘‘अच्छे दिनों’’ और महिलाओं के प्रति हिंसा के लिए ‘‘जीरो टाॅलरेंस’’ जैसे जुमलों के साथ सत्ता पर काबिज हुई मोदी सरकार ने न सिर्फ यह साबित कर दिया है कि विह अपने से पूर्ववर्ती सरकारों से किसी भी प्रकार से भिन्न नहीं है, बल्कि उनसे भी ज्यादा जनविरोधी और कारपोरेट समर्थक है। अपने हिन्दुत्ववादी एजेंडे के साथ भाजपा सरकार और उसके सहोदर संगठनों ने पूरे देश में साम्प्रदायिक उन्माद फैलाना शुरु कर दिया है। उनके इन घृणित मंसूबों से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले तबकों में महिलायें सर्वोपरि हैं। ‘‘लव जेहाद’’, ‘‘बेटी बचाओ, देश बचाओ’’ जैसे अभियान न केवल महिलाओं के प्रति पश्चगामी मूल्यों को दर्शाते हैं बल्कि भगवा ब्रिगेड के नेताओं द्वारा दिये जाने वाले बच्चे पैदा करने वाले वाहियात बयानों ने महिलाओं को एक बच्चा पैदा करने की मशीन के रूप में दर्शाया है।

जहां एक तरफ भाजपा के संरक्षण में हिंदुत्ववादी-फासीवादी संगठन लगातार महिलाओं की अस्मिता की अवमानना कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ मोदी सरकार ने अपनी कारपोरेट समर्थक नीतियों के तहत कारपोरेट जगत के अथाह मुनाफा सुनिश्चित करने हेतु मजदूरों को तीव्र शोषण और उत्पीड़न की तरफ ढकेल दिया है। जाहिर है यहां महिला मजदूर भी इन नीतियों का शिकार हो रही हैं। श्रम कानूनों में संशोधन कर महिलाओं को रात की पाली में काम करवाने की इजाजत जैसे कानून महिला मजदूरों के श्रम का किसी भी हद तक शोषण कर देशी-विदेशी पूंजीपतियों के लिए अथाह मुनाफा सुनिश्चित करती हैं।

इन परिस्थितियों में प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र द्वारा यह प्रदर्शन आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में सभा को संबोधित करते हुए प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र अध्यक्ष शीला शर्मा ने कहा कि आज महिलाओं पर उत्पीड़न की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है। देश में भाजपा-संघ के गठजोड़ वाली मोदी सरकार ने तेजी के साथ देश में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ाया है। जिससे पहले से ही दोयम दर्जे का जीवन जी रही मजदूर-मेहनतकश महिलाओं का जीवन और दयनीय हो गया है। हर साम्प्रदायिक घटना में मेहनतकश महिलाओं को निशाना बनाया जाता है। महिलाओं की इस स्थिति को बदलने के लिए मेहनतकश महिलाओं को अपने संगठनों को मजबूत बनाकर साम्प्रदायिक व पूंजीवादी तत्वों के खिलाफ निर्णायक संघर्ष छेड़ने की जरूरत पहले से भी ज्यादा बन गयी है।

March 11, 2015

अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक महिला दिवस की विरासत को आगे बढ़ाओ !

8 मार्च को दिल्ली, उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में प्रगतिशील महिला एकता केंद्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक महिला दिवस की विरासत को याद करते हुए बिरदाना व अन्य प्रगतिशील संगठनों के साथ मिलकर  अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक महिला दिवस मनाया गया।   अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक महिला दिवस से पहले सभी इकाइयों द्वारा सप्ताह भर रिहायशी व औद्योगिक इलाकों तथा अलग-अलग फैक्ट्रियों में परचा अभियान चला कर  अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक महिला दिवस के इतिहास व उसके मह्त्व से रूबरू करते हुए व्यापक पर्चा बांटा  गया।

उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर कस्बे में प्रगतिशील महिला एकता केंद्र  द्वारा इंकलाबी मज़दूर केंद्र व परिवर्तनकामी छात्र संगठन के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक महिला दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के तहत व्यापार मंडल भवन में सभा की गई और जुलूस निकला गया।  सभापति में वक्ताओं ने बताया कि समाज में महिलाओं की स्थिति दोयम दर्जे की बानी हुई है।  इसी वजह से पूंजीपति उसे सस्ते श्रम के तौर पर इस्तेमाल करता है।  पुरुष प्रधान मानसिकता के कारण महिलाओं को बहुत उत्पीड़न झेलना  पड़ता है। एक वक्ता ने कहा कि सरकार को बी बी सी द्वारा दिल्ली गैंग रपे केस पर  बनायी गई डॉक्यूमेंट्री को प्रतिबंधित नहीं करना चाहिए, ताकि गैंग रेप केस के अपराधी और उनका केस लड़ने वाले वकीलों की महिला विरोधी सोच सब के सामने आये। इस बात को पुरजोर तरीके से उठाया गया कि महिलाओं की मुक्ति का रास्ता समाजवाद से होकर जाता है।

January 30, 2015

‘‘दुनिया के सबसे बड़ी हत्यारी हुकूमत के मुखिया ओबामा को गणतंत्र दिवस का मुख्य अतिथि बनाये जाने का विरोध करो’’



24 जनवरी को नरेंद्र मोदी द्वारा साम्राज्यवादी देशों के सरगना अमरीका के खुनी राष्ट्रपति बराक ओबामा को 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस के मौके पर गणतंत दिवस समारोह का मुख्य अतिथि बनाये जाने के विरोध में क्रान्तिकारी जनवादी संगठनो तथा शांतिप्रिय जनता  ने पूरे देश में प्रदर्शन किये।  इसी कड़ी में दिल्ली के विभिन्न संगठनो ने जंतर - मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया।   
इस विरोध प्रदर्शन को इमके, इफ्टू, ए.आई.एस.टी.यू. (न्यू), आई.सी.टी.यू., मजदूर एकता केन्द्र, पछास, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र, डी.एम.यू., पी.टी.एफ.आई., सी.पी.आई.एम.एल. (रेड स्टार), क्रांतिकारी नौजवान सभा आदि संगठनों व मोर्चा मजदूर पत्रिका, संहति व देश विदेश जैसी पत्रिकाओं ने आयोजित किया था।
प्रदर्शन में वक्ताओं ने जंगबाज  साम्राज्यवादी देश अमरीका के सामने भारत की संप्रभुता को बिछाने का विरोध किया। वक्ताओं ने कहा की देश को इतना लज्जित किसी ने नहीं किया, जितना मोदी सरकार ने किया है।  देश में चप्पे -चप्पे को अमरीकी एजेंसियों के हवाले कर दिया गया है।   
बराक ओबामा को भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया जाना साम्राज्यवादियों  से देश की मुक्ति के लिए संघर्ष में मारे गए शहीदों का अपमान है।  उन्होंने मज़दूर विरोशी नीतियों को आगे बढ़ाते हुए मज़दूरों के शोषण को चरम पर पहुँचाने और देश को सांप्रदायिक शक्तियों के हाथों में पहुंचते हुए सांप्रदायिक दंगों के बढ़ जाने को चिन्हित करते हुए देशी - विदेशी पूँजी के गठजोड़ का विरोध किया।   

महिला उत्पीड़न व न्याय में देरी के विरोध में महिलाओं ने निकला जुलूस



दिनांक 19 जनवरी को रामनगर, उत्तराखंड में प्रगतिशील महिला एकता केंद्र के नेतृत्व में महिला उत्पीड़न व न्याय में देरी के विरोध में महिलाओं ने जुलूस निकला तथा SDM   के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजा। जुलूस के बाद महिलाओं ने SDM कोर्ट परिसर में एक सभा की। सभा में आये वक्ताओं ने कहा की तलाक की कार्यवाई में विलम्ब होने से महिलाओं को बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है।  महिलाओं को गुजारा-भत्ता देने के आदेश के बावजूद भी पति/परिजनों द्वारा भरण-पोषण की राशि नहीं दी जाती है। ऐसी स्थिति में उनकी आर्थिक स्थिति ख़राब हो जाती है। मामले के लम्बा खिंचते चले जाने पर उनको और ज्यादा आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अतः उनकी मांग सरकार से यह थी कि  पति/परिजनों द्वारा भरण-पोषण न दिए जाने की स्थिति में यह जिम्मेदारी सरकार उठाये तथा उनके केसों को जल्दी निपटने की लिए सरकार फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करे।  इसके अलावा उनकी मांग यह भी थी कि सरकार महिलाओं के तलाक व भरण-पोषण से सम्बंधित केसों के निपटारा करने के लिए वकीलों का पैनल गठित करे तथा उसकी फीस भी सरकार वहन करे। सभा में शामिल क्रांतिकारी व प्रगतिशील संगठनों ने महिलाओं की इन मांगों का समर्थन किया। ज्ञापन में मांग की गई कि :-

1           महिलाओं के तलाक व भरण-पोषण संबंधी मुकदमों की सुनवाई हेतु फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन कर 6 माह के भीतर मुकदमों का निस्तारण सुनिश्चित किया जाये। 
2            महिलाओं के लिए न्यायलय द्वारा निर्धारित भरण-पोषण द्वारा भुगतान न किये जाने पर भरण-पोषण की जिम्मेदारी सरकार स्वयं उठाये। 
3             महिलाओं के तलाक व भरण-पोषण संबंधी मुकदमों की पैरवी हेतु न्यायालयों में विशेषज्ञ वकीलों का पैनल गठित किया जाये तथा वकीलों की फीस का भुगतान सरकार द्वारा किया जाये।  














January 22, 2015

ये कैसा लोकतंत्र? लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व पर विरोध के स्वर को उत्तराखंड की मित्र पुलिस ने किया लॉक-अप में बंद



ओबामा की यात्रा का विरोध करने पर इंकलाबी मज़दूर केन्द्र के अध्यक्ष व अन्य कार्यकर्ता गिरफ्तार 

बराक ओबामा की भारत यात्रा से पहले ही विरोध की आवाजों को दबाने व कुचलने का उपक्रम शुरू हो चुका है। इंकलाबी मज़दूर केन्द्र के अध्यक्ष  कैलाश भट्ट व परिवर्तनकामी छात्र संगठन के केन्द्रीय कमेटी सदस्य महेन्द्र को उत्तराखण्ड के रुद्रपुर कोतवाली की पुलिस द्वारा बातचीत के लिये बुलाया गया. कैलाश भट्टपरिवर्तनकामी छात्र संगठन के महेन्द्र के साथ जब कोतवाली पहुंचे तो पुलिस ने दोनों साथियों को गिरफ्तार कर लिया। 

January 12, 2015

साथी दानवीर के संघर्षों को लाल सलाम

साथियों,

7 जनवरी की रात इंकलाबी मजदूर केंद्र के एक क्रांतिकारी नेता साथी दानवीर हमारे  बीच नहीं रहे। साथी दानवीर की यह आकस्मिक और असमय मृत्यु से हम सभी शोकसंतप्त हैं।

इंकलाबी मजदूर केंद्र के पूर्णकालिक कार्यकर्ता साथी दानवीर अपने छात्र जीवन से ही समाज परिवर्तन व शोषण विहीन समाज की स्थापना के संघर्ष से जुड़ गए थे और इसे अपने जीवन का मुख्य उद्देश्य बना लिया था। वह छात्र जीवन के दौरान ही परिवर्तनकामी छात्र संगठऩ में शामिल हुए और छात्र जीवन पूरा होने के बाद पहले क्रांतिकारी लोकअधिकार संगठन व उसके बाद में इंकलाबी मजदूर केंद्र में शामिल होकर मजदूर वर्ग के मुक्ति संघर्ष के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। साथी दानवीर एक जुझारू व समर्पित कार्यकर्ता थे जो पूरी लगन के साथ अंतिम समय तक संगठन का काम करते रहे। साथी दानवीर के रूप में मजदूर मुक्ति संघर्ष  ने एक जुझारू योद्धा खो दिया है।

प्रगतिशील महिला एकता केंद्र मजदूर मेहनतकशों के इस संग्रामी योद्धा को भावभीनी श्रंद्धाजलि देता है और संकल्प लेता है कि वह साथी दानवीर के शोषण विहीन समाज के लिए संघर्ष के परचम को हमेशा बुलंद रखेगा।




        
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