January 30, 2015

महिला उत्पीड़न व न्याय में देरी के विरोध में महिलाओं ने निकला जुलूस



दिनांक 19 जनवरी को रामनगर, उत्तराखंड में प्रगतिशील महिला एकता केंद्र के नेतृत्व में महिला उत्पीड़न व न्याय में देरी के विरोध में महिलाओं ने जुलूस निकला तथा SDM   के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजा। जुलूस के बाद महिलाओं ने SDM कोर्ट परिसर में एक सभा की। सभा में आये वक्ताओं ने कहा की तलाक की कार्यवाई में विलम्ब होने से महिलाओं को बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है।  महिलाओं को गुजारा-भत्ता देने के आदेश के बावजूद भी पति/परिजनों द्वारा भरण-पोषण की राशि नहीं दी जाती है। ऐसी स्थिति में उनकी आर्थिक स्थिति ख़राब हो जाती है। मामले के लम्बा खिंचते चले जाने पर उनको और ज्यादा आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अतः उनकी मांग सरकार से यह थी कि  पति/परिजनों द्वारा भरण-पोषण न दिए जाने की स्थिति में यह जिम्मेदारी सरकार उठाये तथा उनके केसों को जल्दी निपटने की लिए सरकार फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करे।  इसके अलावा उनकी मांग यह भी थी कि सरकार महिलाओं के तलाक व भरण-पोषण से सम्बंधित केसों के निपटारा करने के लिए वकीलों का पैनल गठित करे तथा उसकी फीस भी सरकार वहन करे। सभा में शामिल क्रांतिकारी व प्रगतिशील संगठनों ने महिलाओं की इन मांगों का समर्थन किया। ज्ञापन में मांग की गई कि :-

1           महिलाओं के तलाक व भरण-पोषण संबंधी मुकदमों की सुनवाई हेतु फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन कर 6 माह के भीतर मुकदमों का निस्तारण सुनिश्चित किया जाये। 
2            महिलाओं के लिए न्यायलय द्वारा निर्धारित भरण-पोषण द्वारा भुगतान न किये जाने पर भरण-पोषण की जिम्मेदारी सरकार स्वयं उठाये। 
3             महिलाओं के तलाक व भरण-पोषण संबंधी मुकदमों की पैरवी हेतु न्यायालयों में विशेषज्ञ वकीलों का पैनल गठित किया जाये तथा वकीलों की फीस का भुगतान सरकार द्वारा किया जाये।  














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