November 27, 2023
बढ़ती महिला हिंसा के खिलाफ जंतर-मंतर पर आक्रोश प्रदर्शन
November 6, 2023
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) कैंपस में छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के खिलाफ एकजुट हों, आवाज उठायें!
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) कैंपस में IIT BHU में सेकेंड ईयर की एक छात्रा के यौन उत्पीड़न के विरोध में बी0एच0यू0 के हजारों छात्र-छात्राएं कक्षाएं छोड़कर धरने पर बैठे हैं। 1 नवंबर 2023 को देर रात प्रॉक्टोरियल बोर्ड के बूथ से कुछ ही दूरी पर जहां बी.एच.यू. के सुरक्षाकर्मी कैम्पस व छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिये तैनात रहते हैं, वहां पर चार शोहदों ने IIT BHU में सेकेंड ईयर की एक छात्रा के साथ दुव्यवहार किया। मीडिया से प्राप्त जानकारी के मुताबिक कुछ युवकों ने छात्रा के साथ मारपीट की, जबरन उसके कपड़े उतरवाए और तस्वीरें खींचीं। इस मामले में IPC की धारा 354, 506 की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। आई.आई.टी. डायरेक्टर द्वारा छात्रों से बात नहीं किया जाने के कारण प्रदर्शनकारी छात्र-छात्रायें दिन भर प्रदर्शन करते रहे। जिसके बाद बी.एच.यू. कैम्पस में बी.एच.यू. डायरेक्टर के आफिस में डायरेक्टर, पुलिस अधिकारी व अन्य अधिकारियों व जिम्मेदार लोगों के बीच बैठक हुई और इस दौरान भी छात्र अपनी मांगों को मनवाने के लिये बी.एच.यू. डायरेक्टर के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर डटे रहे। बैठक के बाद प्रदर्शनकारी छात्रों को उनकी सभी मांगों को माने जाने का आश्वासन दिये जाने के बाद प्रदर्शनकारी छात्रों ने बृहस्पतिवार की रात 11 बजे धरना खत्म कर दिया।
बी.एच.यू. में ही पिछले महीने बीएचयू स्थित आईआईटी की दो शोध छात्राओं के साथ उनके हॉस्टल के पास ही चार युवकों ने छेड़खानी और बदसलूकी की थी। आईआईटी की एक शोध छात्रा देर रात अपनी एक सहपाठी के साथ हॉस्टल के समीप मौजूद थी। इसी दौरान चारपहिया वाहन सवार चार मनचले दुव्र्यवहार करने लगे। सभी शराब के नशे में धुत थे। लेकिन अपराधियों को पकड़ने, गिरफ्तार करने के स्थान पर हर बार छात्राओं पर और ज्यादा बंदिशें लगा दी जाती हैं।
आंदोलनकारी छात्र-छात्राओं का कहना है कि बीएचयू में साल 2017 में हुई छेड़खानी के बाद अबकी बार हुई वारदात बेहद वीभत्स है। बी.एच.यू. कैंपस में आए दिन घटनाएं होती रहती हैं, छात्र धरना प्रदर्शन करते हैं प्रशासन आश्वासन देता है और धरना-प्रदर्शन खत्म हो जाते हैं। लेकिन शर्मनाक बात यह है कि इतना सब होने के बाद भी अभी तक यहां छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतज़ाम नहीं किये गये हैं।
यह वही उत्तर प्रदेश है जहां 2022 में यू0पी0 विधान सभा चुनाव में गृहमंत्री अमित शाह कह रहे थे कि उत्तर प्रदेश महिलाओं के लिए इतना सुरक्षित हो गया है कि वह रात में 12 बजे भी गहने पहन कर अकेले बाहर जा सकती हैं। जबकि हकीकत हम देख रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के धार्मिक नगरी में स्थित छात्राओं को आये दिन छेड़छाड़ व हिंसा का शिकार होना पड़ता है।
पतित पूंजीवादी-साम्राज्यवादी उपभोक्तावादी नीति के प्रभाव में अपने मुनाफे को बढ़ाने के लिये रात-दिन महिलाओं के सम्मान को गिराने वाली, महिलाओं का अश्लील चित्रण कर उनको उपभोग की वस्तु के तौर पर प्रदर्शित करने वाली सोच को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों व अश्लील फिल्मों को रोके बिना इन अपराधों में जरा भी कमी नहीं लायी जा सकती।
इन घटनाओं के कारण ही बहुत से परिवार अपनी बहनों-बेटियों को उच्च शिक्षा के लिये घरों से दूर उच्च शिक्षा के लिये भेजने से कतराते हैं। लड़कियां इस तरह घटनाओं को घरों में नहीं बतातीं। इस डर से कि यदि वे अपने साथ घटी इन घटनाओं को घर में बतायेंगी तो उनकी पढ़ाई बीच में छुड़ाई जा सकती है। ऐसे में ये घटनायें छात्रों की आधी आबादी लड़कियों को उच्च शिक्षा के अधिकार से वंचित रखने में मदद करती हैं।
लेकिन उन लोगों से छात्राओं की सुरक्षा के इंतजाम करने की उम्मीद करना बेमानी है, जिसके दर्जनों सांसद-विधायक महिलाओं से छेड़छाड़-बलात्कार के आरोपी हैं। कुलदीप सिंह सेंगर, चिन्मयानन्द, बृज भूषण शरण सिंह तो इसके मात्र प्रतिनिधिक उदाहरण मात्र हैं।
प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र, BHU में छात्रा के साथ हुई यौन हिंसा का पुरजोर विरोध करता है। और मांग करता है कि परिसरों में छात्राओं के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित किया जाये। साथ ही देशभर के छात्र-छात्राओं व न्यायप्रिय लोगों से छात्राओं-महिलाओं के साथ हो रही हिंसा, यौन उत्पीड़न के विरोध में एकजुट होकर आवाज उठाने का आह्वान करता है।
हम मांग करते हैंः-
·
IIT BHU के निदेशक व लंका थाने के SHO इस्तीफा दो।
·
सभी संस्थानों में GSCASH की स्थापना करो।
·
छात्राओं-महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करो।
·
महिला विरोधी अश्लील उपभोक्तावादी संस्कृति पर रोक लगाओ।
प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की केंद्रीय कमेटी द्वारा जारी
September 29, 2023
नारी शक्ति वंदन अधिनियमः खोदा पहाड़ निकली चुहिया
नई संसद के पहले दिन 19 सितम्बर को मोदी सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक बिल नारी शक्ति वंदन बिल (संविधान में 128 वें संशोधन के द्वारा) पेश किया। यह बिल लोक सभा से पास होने के बाद राज्य सभा में भेजा गया और वहां पास होने के बाद यह राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए भेजा गया है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह अधिनियम में बदल जायेगा। इस अधिनियम के बाद लोक सभा और विधान सभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू हो जायेगा। अभी लोकसभा के अंदर महिलाओं की उपस्थिति 15 प्रतिशत है।
बेलसोनिका यूनियन के पंजीकरण पर हुए हमले का विरोध करो
प्रगतिशील महिला एकता केंद्र हरियाणा ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार द्वारा बेलसोनिका यूनियन के पंजीकरण को रद्द करने की इस मजदूर विरोधी कृत्य की तीखी निंदा करता है तथा बेलसोनिका यूनियन के इस संघर्ष में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।
July 24, 2023
इंकलाबी मजदूर केंद्र तथा परिवर्तनकामी छात्र संगठन के साथियों पर हमला करने वालो को सजा दो
July 21, 2023
मणिपुर की महिलाओं के साथ हुई हिंसा के खिलाफ एकजुट हो!
May 28, 2023
संघर्ष करती महिला पहलवानों पर हमला करवाने वाली भाजपा सरकार मुर्दाबाद!!!
May 26, 2023
सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने के लिए फिल्मों का इस्तेमाल
फिल्में समाज का आइना कही जाती हैं। एक दौर में सामूहिक एकता और सामूहिक संघर्ष पर आधारित फिल्में बनाई जाती थीं, क्योंकि वह दौर समाज में संघर्षो का दौर था और उस समय संघर्षों को स्थापित किया जाता था।
March 20, 2023
बेलसोनिका मजदूर यूनियन का संघर्ष जिंदाबाद
स्थाई मजदूरों की जगह ठेके के मजदूरों को रखने की कार्यवाही कर रहा है। इस कार्यवाही को प्रबंधन स्थाई मजदूरों की घरेलू जांच के बहाने खुली छिपी छंटनी कर रहा है और कंपनी में ठेका प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है। साल 2022 में कंपनी प्रबंधन ने बेलसोनिका के तीन स्थाई मजदूरों को नौकरी से निकाल दिया था जिसकी वजह से इन मजदूरों का परिवार संकट में आ गया है। कंपनी प्रबंधन के मनमाना तरीके से मजदूरों को निकाले जाने के विरोध में मजदूर जब भी विरोध करते हैं तो कंपनी प्रबंधन द्वारा गुंडे बुलाकर उकसावे पूर्ण कार्वाईयां करने की कोशिश कर रहा है। कंपनी में आए दिन बाउंसर्स तथा पुलिस प्रशासन द्वारा मजदूरों में भय का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है।
कंपनी प्रबंधन के इस छंटनी की कार्रवाई की वजह से बेलसोनिका के न सिर्फ मजदूर
बल्कि उनके परिवार भी तलवार की धार पर चल रहे हैं। लगातार छंटनी का खतरा मजदूरों
के परिवारों तथा उनके बच्चों का भविष्य खतरे में डाल रहा है। बेलसोनिका कंपनी में
स्थाई मजदूर कई सालों से कंपनी के लिए काम कर रहे हैं।
कंपनी के इस अन्यायपूर्ण कार्रवाईयों के खिलाफ बेलसोनिका यूनियन लंबे समय से
संघर्ष कर रही है। यूनियन के इस संघर्ष को दबाने के लिए प्रबंधन तमाम तरीके की
साजिशें रच रहा है। संघर्ष को रोकने के पहले प्रबंधन द्वारा एक ठेका मजदूर को यूनियन
की सदस्यता देने के बहाने यूनियन के रजिस्ट्रेशन को रद्द करवाने की कोशिश की गई।
इस पर भी जब यूनियन का संघर्ष नहीं रुका तो प्रबंधन द्वारा 17 मार्च 2023 को यूनियन के तीन पदाधिकारियों मोहिंदर कपूर (प्रधान),
अजीत सिंह (महासचिव) तथा सुनील कुमार (संगठन
सचिव) को निलंबित कर दिया गया। प्रबंधन द्वारा तीनों पदाधिकारियों पर अशांति
फैलाने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है। जबकि यूनियन लागातर अपने मंच से मजदूरों से
शांति बनाए रखने तथा प्रबंधन के उकसावे पूर्ण कार्रवाईयों में न फंसने की अपील कर
रही है।
प्रगतिशील महिला एकता केंद्र बेलसोनिका मजदूरों तथा उनके परिवारों के साथ अपनी
एकजुटता जाहिर करता है तथा उनके साथ उनके संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने का
संकल्प लेता है। प्रगतिशील महिला एकता केंद्र मांग करता हैः
“बेलसोनिका प्रबंधन द्वारा की जा रही मजदूरों की छंटनी पर रोक लगाओ!”
“बेलसोनिका प्रबंधन द्वारा निकाले गए मजदूरों को तुरंत बहाल करो!”
“निलंबित किए गए यूनियन पदाधिकारियों को तुरंत बहाल करो!”
इंकलाब जिंदाबाद
प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की केंद्रीय कमेटी द्वारा जारी