बेलसोनिका कंपनी में प्रबंधन व यूनियन के बीच पिछले ढाई साल से संघर्ष चला हुआ है। प्रबंधन बड़ी संख्या में स्थाई व पुराने ठेका श्रमिकों की छंटनी करना चाह रहा है जिस काम में यूनियन द्वारा चलाया जा रहा संघर्ष निरंतर आड़े आ रहा है।
हरियाणा ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार द्वारा उठाया गया यह कदम आज इस व्यवस्था की हकीकत बयां करती है जहां अब पूंजीपति वर्ग जनतंत्र के आवरण को हटाकर खुलकर मजदूर वर्ग के शोषण उत्पीड़न के लिए सामने आ चुका है और इसमें उसकी मदद कर रही है पूरी प्रशासन व्यवस्था। श्रम कानूनों में बदलाव कर लेबर कोड्स लाने से लेकर तमाम फैक्ट्री संस्थानों में छंटनी, तालाबंदी, इत्यादि मजदूर कार्रवाईयों में भारत के पूंजीपति वर्ग को राज्य द्वारा पूर्ण संरक्षण प्राप्त हो रहा है।
ऐसी मजदूर विरोधी हालातों में बेलसोनिका यूनियन अपने मजदूर साथियों के साथ लगातार प्रबंधन तथा श्रम विभाग की मनमानियों का जवाब दे रही है। बेलसोनिका यूनियन द्वारा लगातार चलाए जा रहे इस संघर्ष पर मारूती प्रबंधन के इशारे पर प्रशासन द्वारा यूनियन पंजीकरण को रद्द कर तीखा प्रहार किया गया है लेकिन यूनियन अभी भी मजदूरों के हितों के लिए चल रहे अपने संघर्ष को लगातार आगे बढ़ा रही है।
बेलोसनिका यूनियन के पंजीकरण को रद्द करने के माध्यम से किया गया यह हमला सिर्फ बेलसोनिका यूनियन पर नहीं बल्कि मजदूर वर्ग पर हमला है । यह आने वाले उस खतरे की घंटी है जिसमें यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में मजदूर वर्ग द्वारा अपने शोषण-उत्पीड़न के लिए उठाई गई हर आवाज को यूं ही कुचला जाएगा। ऐसे में अब यह मजदूर आंदोलन का कार्यभार बनता है कि वह एकजुट हो एक दूसरे के संघर्षों में भागीदारी कर अपनी लडाई को मजबूत करें।
प्रगतिशील महिला एकता केंद्र हरियाणा ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार द्वारा बेलसोनिका यूनियन के पंजीकरण को रद्द करने की इस मजदूर विरोधी कृत्य की तीखी निंदा करता है तथा बेलसोनिका यूनियन के इस संघर्ष में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।
इंकलाब जिंदाबाद
प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की केंद्रीय कमेटी द्वारा जारी
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