3 अगस्त 2021 देश की राजधानी दिल्ली कैंट इलाके के नांगल राय गांव में 9 साल की बच्ची के साथ 4 लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर उसके शव को बिना परिवार को बताएं अंतिम संस्कार कर दिया गया। नांगल राया शमशान घाट के पास गांव में रहने वाले एक दलित परिवार की बच्ची शमशान घाट पर लगे वॉटर कूलर से पानी भरने भरने गई थी जहां पुजारी समेत 4 अन्य लोगों ने उसका बलात्कार करने के बाद हत्या कर दी। घटना के उपरांत पुजारी ने बच्ची की मां को शमशान घाट पर बुलाया और उससे कहा कि बच्ची की करंट लगने से मौत हो गई है। और उन्होंने मां-बाप के विरोध के बावजूद बच्ची का जबरन अंतिम संस्कार कर दिया। बच्ची की मां का कहना है कि पुजारी ने अंतिम संस्कार करते समय किसी तरह की कोई कागजी कारर्वाई नहीं की जैसा कि सामान्यतः अन्य शवों के साथ किया जाता है। जब मां ने अंतिम संस्कार के लिए मना किया तो पुजारी ने कहा कि पुलिस को बुलाने पर पुलिस शव को ले लेगी और उसके अंग निकाल दिए जाएंगे। जब यह खबर गांव तक पहुंची तो गांव से लोग शमशान घाट आ गए और उन्होंने बच्ची की आधे जले शव को चिता से बाहर निकाला। स्थानीय नागरिकों द्वारा रोष में प्रदर्शन किया गया और पुलिस को सूचना पहुंचाई गई। दिल्ली पुलिस ने लापरवाही और सबूतों को नष्ट करने समेत अन्य तमाम धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है. और पुजारी को हिरासत मे ले लिया है।
धर्म के ठेकेदार द्वारा यह बलात्कार की पहली घटना नहीं है। ऐसी ही घटना जम्मू में भी हुई थी जहां मंदिर के अंदर एक आठ साल की बच्ची का बलात्कार किया गया था। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और महिला को देवी कहने वाली इस सरकार के ठीक नाक के नीचे एक पुजारी द्वारा एक 9 साल की मासूम बच्ची का बलात्कार इस बात को स्पष्ट दिखाता है कि इस देश में 8 महीने की बच्ची से लेकर 60 साल तक की वृद्धा सुरक्षित नहीं है। अभी दो दिन पूर्व गोवा में दो नाबालिग लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ इस पर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत का बेशर्मी पूर्ण बयान आया कि माता-पिता को आत्ममंथन करने की जरूरत है मुख्यमंत्री सावंत ने कहा कि अपने बच्चों की सुरक्षा करना सुनिश्चित करना माता-पिता की जिम्मेदारी है उन्हें अपने बच्चों को रात में बाहर नहीं भेजना चाहिए यह बयान कानून व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति को तो दिखाता ही है साथ ही मुख्यमंत्री सावंत की महिलाओं के प्रति तुच्छ मानसिकता को भी दिखाता है। संविधान में वर्णित समानता और बराबरी की धाराओं की धज्जियां उड़ाता है।प्रगतिशील महिला एकता केंद्र ऐसी मानसिकता
और बच्चियों की हत्या का पुरजोर विरोध करता है और यह मानता है कि जब तक पतित
पूंजीवादी संस्कृति रहेगी जिसमें महिलाओं को सिर्फ उपभोग की वस्तु माना जाएगा और
पेश किया जाएगा तब तक चाहे जितने भी कानून बना लिए जाए बलात्कार नहीं रुकने वाले
हैं और हमारी छोटी-छोटी बच्चियां ऐसे ही घरों के बाहर और घरों के भीतर असुरक्षित
रहेंगी।
प्रगतिशील महिला एकता केंद्र केंद्र और
राज्य दोनों ही सरकारों से इस घटना की निष्पक्ष जांच करवाए जाने और दोषियों को सजा
दिए जाने की मांग करता है।
इंकलाब जिंदाबाद
प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की केंद्रीय
कमेटी द्वारा जारी
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