इंकलाबी मज़दूर केंद्र के साथी कंचन का आज (16 सितंबर) सुबह कैंसर की असाध्य बीमारी से निधन हो गया।
52 वर्षीय साथी कंचन मज़दूर वर्ग की मुक्ति के ध्येय को समर्पित इंकलाबी योध्दा थे, जो कि अपनी अंतिम सांस तक अपने लक्ष्य को समर्पित रहे। मुख्यतः बरेली में सक्रिय साथी कंचन दा 2 माह पूर्व अपनी तबियत बिगड़ने से पहले किसान आंदोलन के गाजीपुर बॉर्डर पर इंकलाबी मज़दूर केंद्र की टीम के साथ डटे हुये थे। वे बेहद प्रतिभाशाली, लोकप्रिय संस्कृतिकर्मी और उतने ही जिंदादिल इंसान भी थे। उनके जोशीले क्रांतिकारी गीत हमारे बीच आज भी मौजूद हैं।