इंकलाबी मजदूर केन्द्र, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र व बस्ती के निवासी ने 21 जुलाई को दिल्ली के आम आदमी पार्टी के स्थानीय विधायक वेद प्रकाश के यहां पानी की पाइप लाइन बिछाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जिसमें महिलाओं ने बड़ी संख्या में भागीदारी की। विधायक से महिलाओं एवं मजदूरों से करीब एक घंटा तक बहस हुइ। पाइप लाइन बिछाने के संबंध में एक ज्ञापन विधायक को दिया गया।
शाहबाद डेरी एक घनी आबादी वाली बस्तीञ है। शाहबाद डेरी के प्ला ट व झुग्गीस बस्ती में पानी की समस्याल सारे साल बनी रहती है। यहां पर झुग्गीआ बस्ती में पाइप लाइन नहीं बिछी है। इसी से परेशान लोगों ने इससे पूर्व 20 जून को भी पानी की लाइन की मांग को लेकर बड़ी संख्या में महिलाओं समेत स्थानीय निवासी स्थानीय विधायक के यहां आये थे। विधायक की अनुपस्थिति में कार्यालय प्रभारी ने आश्वासन दिया कि वह विधायक के आते ही उन्हें प्रदर्शनकारियों की मांग से अवगत करायेंगे और उनकी मांग पर जल्द ही उचित कार्यवाही की जायेगी।
जिसके लिए विधायक प्रतिनिधि ने एक माह का समय मांगा था जिसमें उन्होंने पाइप लाइन की समस्या का समाधान करने का वादा किया था। 21 जुलाई को प्रदर्शन एक माह बीत जाने के बाद भी पाइप लाइन की समस्या पर कोई ठोस काम न होने के चलते किया गया। इस दाैरान प्रदर्शनकारी ‘हम अपना अधिकार मांगते, नहीं किसी से भीख मांगते’, ‘आज दो अभी दो, पानी की सुविधा दो’ के नारे लगाते रहे।
शाहबाद डेरी एक घनी आबादी वाली बस्तीञ है। शाहबाद डेरी के प्ला ट व झुग्गीस बस्ती में पानी की समस्याल सारे साल बनी रहती है। यहां पर झुग्गीआ बस्ती में पाइप लाइन नहीं बिछी है। इसी से परेशान लोगों ने इससे पूर्व 20 जून को भी पानी की लाइन की मांग को लेकर बड़ी संख्या में महिलाओं समेत स्थानीय निवासी स्थानीय विधायक के यहां आये थे। विधायक की अनुपस्थिति में कार्यालय प्रभारी ने आश्वासन दिया कि वह विधायक के आते ही उन्हें प्रदर्शनकारियों की मांग से अवगत करायेंगे और उनकी मांग पर जल्द ही उचित कार्यवाही की जायेगी।
जिसके लिए विधायक प्रतिनिधि ने एक माह का समय मांगा था जिसमें उन्होंने पाइप लाइन की समस्या का समाधान करने का वादा किया था। 21 जुलाई को प्रदर्शन एक माह बीत जाने के बाद भी पाइप लाइन की समस्या पर कोई ठोस काम न होने के चलते किया गया। इस दाैरान प्रदर्शनकारी ‘हम अपना अधिकार मांगते, नहीं किसी से भीख मांगते’, ‘आज दो अभी दो, पानी की सुविधा दो’ के नारे लगाते रहे।
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