आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर अमृत महोत्सव मनाया गया। इस दिन लाल किले की प्रचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में महिलाओं के सशक्तिकरण, उनके सम्मान का खास तौर पर जिक्र किया। उन्होंने महिलाओं के अपमान को लेकर अपनी पीड़ा भी जाहिर की।
लेकिन उसी दिन गुजरात उन्ही की पार्टी के लोगों ने बिलक़ीस बानो गैंगरेप केस में उम्रकैद की सजा पाने वाले सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया। बिलक़ीस बानो का मामला 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित सबसे गंभीर और घृणित मामलों में से एक था।
लेकिन आज़ादी के अमृत महोत्सव में स्वतंत्रता दिवस पर इन दोषियों की रिहाई सवालों के घेरे में है।
2002 के गुजरात दंगों के दौरान अहमदाबाद के पास एक गाँव में उन्मादी भीड़ ने उनके परिवार पर हमला किया था। इस दौरान पाँच महीने की गर्भवती बिलकीस बानो के साथ 11 लोगों ने गैंगरेप किया। उनकी तीन साल की बेटी सालेहा को पत्थर पर पटक पटक कर बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस दंगे में बिलक़ीस बानो की माँ, छोटी बहन और अन्य रिश्तेदार समेत 7 लोग मारे गए थे।