आज से लगभग 104 वर्ष पहले रूस में समाजवादी क्रांति हुई। अक्टूबर क्रांति रूस के इतिहास की तीसरी क्रांति थी। 1905-07 में पहली क्रांति हुई थी। यह क्रांति जारशाही का अंत तो नहीं कर सकी परंतु उसने जारशाही की चूलें ऐसी हिलाई कि उसके बाद वह दस साल भी नहीं टिक सकी।
जारशाही के काल में किसानों, मजदूरों की हालत बहुत खराब थी। उन्हें हर तरह से दबाया जाता था। जार ने रूस को राष्ट्रीयताओं का जेलखाना बनाया हुआ था। आम जनता को किसी भी प्रकार के अधिकार हासिल नहीं थे। भाषण देने, सभा करने, प्रदर्शन करने, संगठित होने, अखबार निकालने, यूनियन बनाने, हड़ताल करने जैसे जनवादी अधिकार भी उन्हें हासिल नहीं थे। 1905-07 की असफल क्रांति के पूर्व तक कोई निर्वाचित संस्था नहीं थी। 1905-07 की क्रांति के बाद बेहद मजबूरी में रूसी संसद का गठन जार ने किया।
जार ने रूस में क्रांति के मंडराते खतरे को टालने के लिए युद्ध को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। 1901 से ही मजदूरों, किसानों, छात्रों की एक से बढ़कर एक संघर्ष किए। खूनी इतवार की घटना के बाद क्रांति की शुरुआत हुई। पूरा रूस विद्रोह की आग में सुलग उठा।