एकता! संघर्ष!! मुक्ति!!!
"जहां चाह, वहां राह....। हमें वैश्विक क्रांति की चाह है, तो हमें शोषित और गुलामी की बेड़ियों में जकड़ी महिलाओं तक पहुंचने की राह खोजनी ही होगी। अब एतिहासिक परिस्थितियां चाहे इसे कठिन बनाएं या आसान।"